Body Parts Name in Sanskrit |शरीर के अंगों के नाम संस्कृत में

इस पोस्ट में हम शरीर के अंगों के नाम संस्कृत में विस्तार से जानेगे। कान, आँख या नाक को इंग्लिश में क्या कहते है, तो आप इसका जवाब असानी से दे सकते है। लेकिन वही अगर आपसे पुछा जाये की कान आँख या नाक को संस्कृत में क्या कहते हैं तो शायद ही आप इसका सही जवाब दे पाये। और आप ही की तरह अधिकांश लोग संस्कृत में कान आँख या नाक को क्या कहते है नही जानते होंगे।

स्कूलों में शरीर के अंगों के नाम हिन्दी और इंग्लिश में पढ़ाया एवं सिखाया जाता है, और यही कारण है की हमे एक भी शरीर के अंगों के नाम संस्कृत में नही पता है। लेकिन अगर आप यह लेख पूरा अन्त तक पढ़ते है, तो आप लगभग 40 से अधिक sharir ke ango ke naam sanskrit mein जान सकते है, क्योकी इस लेख में हमने Body Parts Name List In Sanskrit बिल्कुल विस्तार से शेयर किया है।

संस्कृत, भारत की प्राचीन भाषा, चिकित्सा सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सटीक शब्दावली के लिए जानी जाती है। आयुर्वेद, चिकित्सा की पारंपरिक भारतीय प्रणाली, शरीर के विभिन्न भागों का वर्णन करने के लिए संस्कृत शब्दों का उपयोग करती है। इस लेख में, हम संस्कृत में शरीर के 49 अंगों के नाम और आयुर्वेद में उनके महत्व के बारे में जानेंगे।

इससे पहले हम आपको संस्कृत में आयुर्वेद का परिचय के बारे में थोड़ा जानकारी समझ लेते है…

Sharir Ke Ango Ke Naam Sanskrit Me

संस्कृत और आयुर्वेद का परिचय

भारतीय सभ्यता में विशेष महत्व रखता है संस्कृत भाषा का और उससे जुड़ी संस्कृति का। संस्कृत न केवल भारतीय इतिहास और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण भाषा है, बल्कि यह दुनिया भर के लोगों के लिए भी आध्यात्मिकता का प्रतीक है। संस्कृत के साथ साथ, भारतीय समाज में एक और विशेष चीज जिसे सभी जानते हैं, वह है आयुर्वेद। आयुर्वेद का महत्व भी संस्कृति के साथ ही जुड़ा हुआ है।

संस्कृत का इतिहास और महत्व

भारत की संस्कृति, विश्व की सबसे पुरानी और अमूल्य धरोहरों में से एक है। इस संस्कृति का सबसे महत्वपूर्ण अंग संस्कृत भाषा है, जो दुनिया के सबसे उन्नत भाषाओं में से एक है। संस्कृत भाषा का विकास बहुत समय पहले भारत में हुआ था, लेकिन यह भाषा अब भी दुनिया भर में उपयोग में है।

आयुर्वेद के सिद्धांत और अभ्यास

आयुर्वेद हमारी असली धरोहर है। यह हमारी वैद्यकीय पद्धति है, जो हमें न केवल शारीरिक बल देती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होती है। इसके सिद्धांत और अभ्यास हमारे पूर्वजों से मिलते-जुलते हैं, जो हमें एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन जीने की सलाह देते थे।

आयुर्वेद शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को बनाए रखने की महत्वपूर्ण तकनीक है। इसमें अलग-अलग प्रकार के औषधि, जड़ी-बूटियों और पौधों का उपयोग किया जाता है, जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाने और रखने में मदद करते हैं।

आजकल बहुत से लोग अलोपैथिक दवाओं का उपयोग करते हैं, जो तो शायद तुरंत राहत दे सकते हैं, लेकिन उनके अधिक सेवन से शारीरिक समस्याएं और भी बढ़ जाती हैं। इसलिए, आयुर्वेद की सलाह लेना बहुत जरूरी होता है, जो हमारे शरीर को स्थायी रूप से स्वस्थ बनाने में मदद करती है।

आयुर्वेद में संस्कृत शब्दावली का महत्व

आयुर्वेद में संस्कृत शब्दावली का महत्व अनोखा है। संस्कृत एक बहुत ही शक्तिशाली भाषा है जो हमारी आध्यात्मिक और शारीरिक तरकीबों को समझने में मदद करती है।

आयुर्वेद में संस्कृत शब्दावली का इस्तेमाल बहुत समझदारी से किया जाता है। संस्कृत में बहुत से शब्द हैं जो अन्य भाषाओं में नहीं होते हैं। इन शब्दों का अर्थ अन्य भाषाओं से अलग होता है और इसलिए इनका उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है।

इस संस्कृत शब्दावली के जरिए हम अपने शरीर के विभिन्न अंगों के नाम और उनके कार्यों को समझ सकते हैं। इसके अलावा आयुर्वेद में उपयोग होने वाली जड़ी बूटियों, फलों और सब्जियों के नाम भी संस्कृत में होते हैं।

संस्कृत शब्दावली का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह हमें अपनी जीवन शैली और आहार के बारे में भी समझाता है। आयुर्वेद में आहार का बहुत महत्व होता है और इसके लिए संस्कृत शब्दों का ज्ञान होना बहुत जरुरी हो जाता है।

इसके अलावा यह पोस्ट सभी विद्यार्थियों के लिये भी काफी उपयोगी है, जो छोटे कक्षाओं में पढ़ रहे है और जिनके विद्यालय में संस्कृत पढ़ाया जाता है। क्योकी छोटे वर्ग के कक्षा के छात्रों को उनके विद्यालय से होम वर्क के रुप में 10 अंगों के नाम संस्कृत में या 20 अंगों के नाम संस्कृत में लिख कर या फिर याद करके आने को कहा जाता है। ऐसे में यदि आप भी उन्ही छात्रों में से है, जिन्हे इस प्रकार का होम वर्क मिला है, तो आप इस लेख में दिये गए Body Parts Name in Sanskrit की मदद से अपना होम वर्क बहुत ही असानी से पूरा कर सकते है। आइये अब हम ango ke naam sanskrit mein एकदम विस्तार से देखे।

शरीर के अंगों के नाम संस्कृत में (Sharir Ke Ango Ke Naam Sanskrit Me)

क्रम संख्याशरीर के अंगों के नाम हिन्दी एवं इंग्लिश मेंशरीर के अंगों के नाम संस्कृत में
(1).चेहरा (Face)मुखः
(2).बाल (Hair)केशा
(3).आँख (Eye)नेत्रम्
(4).नाक (Nose)घ्राणेन्द्रिय
(5).कान (Ear)श्रोत्रम्
(6).ऊपरी होठ (Upper Lip)ओष्ठ
(7).निचला होठ (Lower Lip)अधरम्
(8).माथा (Forehead)ललाटम्
(9).दाँत (Teeth)रदनः
(10).जीभ (Tongue)जिह्वा
(11).गाल (Cheek)कपोलः
(12).गला (Throat)कण्ठः
(13).दिमाग (Brain)मस्तिष्कम्
(14).दिल (Heart)हृदयम्
(15).खोपड़ी (Skull)कपालः
(16).गर्दन (Neck)ग्रीवाः
(17).त्वचा (Skin)चर्मः
(18).कलाई (Wrist)मणिबन्धः
(19).कमर (Waist)कटिः
(20).कंधा (Shoulder)स्कन्धः
(21).होंठ (Lips)अधरम्
(22).हथेली (Palm)करतलम्
(23).रीढ़ की हड्डी (Spine)मेरूदण्डः
(24).हाँथ (Hand)हस्त:
(25).छाती (Chest)वक्षः
(26).नाखून (Fingernail)नखः
(27).जाँघ (Thiah)जंघा
(28).हड्डी (Bone)अस्थि
(29).स्तन (Breast)स्तनः
(30).खून (Blood)रक्तम्
(31).थोहडी (Chin)चिबुकम्
(32).टखना (Ankle)गुल्फः
(33).कोहनी (Elbow)कूर्परः
(34).पलक (Eyelid)पक्ष्मः
(35).पैर (Leg)पाद:
(36).पेट (Stomach)उदरम्
(37).जिगर (Liver)यकृतः
(38).हाथ का अँगूठा (Thumb)अंगुष्ठः
(39).बुद्धि (Wisdom)प्रज्ञाः
(40).पीठ (Back)पृष्ठम्
(41).घुटना (Knee)जानुः
(42).भुजा (Arm)भुजः
(43).पुतली (Pupil)कनीनिका
(44).भौंह (Eyebrow)भ्रूः
(45).आँसू (Tears)अश्रु
(46).नाभि (Navel)केन्द्रक
(47).हथेली (Palm)करतलम्
(48).दाढ़ी (Beard)कूर्चम्
(49).मूँछ (Moustache)श्मश्रुः

शरीर के अंगों के नाम संस्कृत में pdf

यहा पर जितने भी मानव शरीर के अंगों के नाम संस्कृत में दिये गए है उन सभी को पीडीएफ फ़ाईल के रुप में भी सहेजा गया है, जिसे आप बहुत ही असानी से डाउनलोड कर सकते है। और उस पीडीएफ फ़ाईल की सहायता से आप कभी भी अपने समयानुसार संस्कृत में शरीर के अंगों के नाम को पढ़ सकते हैं। ango ke naam sanskrit me pdf download करने के लिये नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करे और पीडीएफ को असानी से डाउनलोड करे।

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संस्कृत में शरीर के अंगों के नाम को वीडियो के माध्यम से समझे

निष्कर्ष-

आशा करता हु आपको शरीर के अंगों के नाम संस्कृत में /sanskrit mein sharir ke ango ke naam के बारे में आपको अच्छे से जानकारी मिल गयी होगी जो भी छात्र अपना करीयर कानून के छेत्र में बनाना चाहते है उनके लिए यह कोर्स बेस्ट है।

वही यह कोर्स भारत में काफी लोकप्रिय कोर्स है जिसे ज्यादा से ज्यादा छात्र इस कोर्स को करना पसंद करते है आज आपने इस पोस्ट में जाना शरीर के अंगों के नाम संस्कृत में कैसे लिखें?

यदि आपको यह जानकारी पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में भी शेयर करें धन्यवाद।




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